मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के उच्च शिक्षा संस्थानों में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। जीवाजी विश्वविद्यालय ने क्षेत्र के 36 कॉलेजों में संचालित कई पाठ्यक्रमों को अब मान्यता नहीं देने का फैसला किया है। इस निर्णय का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना और मानकों के अनुरूप शैक्षणिक व्यवस्था को सुनिश्चित करना है।
अब ये कॉलेज वे कोर्स नहीं चला पाएंगे जिन्हें विश्वविद्यालय की स्वीकृति नहीं मिली है। विश्वविद्यालय केवल उन्हीं पाठ्यक्रमों का निरीक्षण करेगा जिन्हें मान्यता प्रदान की गई है। यह कदम उन कोर्सों की पहचान कर उन्हें हटाने के लिए उठाया गया है जो विश्वविद्यालय की शैक्षणिक कसौटी पर खरे नहीं उतरते थे।
ग्वालियर संभाग के कई प्रतिष्ठित कॉलेज प्रभावित
ग्वालियर शहर के कई जाने-माने कॉलेज इस निर्णय से प्रभावित हुए हैं। विंग्स कॉलेज में बीए भूगोल, राजनीति शास्त्र और समाजशास्त्र जैसे कोर्सों को बंद कर दिया गया है। वहीं बीएससी केमिस्ट्री, मैथ्स और फिजिक्स जैसे कोर्स भी अब नहीं पढ़ाए जाएंगे। ड्रीमवैली कॉलेज में भी बीए इंग्लिश, हिस्ट्री, जियोग्राफी, बीकॉम कंप्यूटर, बीएससी बॉटनी, कैमिस्ट्री और फिजिक्स सहित बीबीए, बीसीए, एलएलबी और पीजीडीसीए जैसे प्रोफेशनल कोर्स बंद कर दिए गए हैं।
जैन कॉलेज, जेबी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, सुभाष चंद्र बोस कॉलेज, आदित्य कॉलेज, गुरुकुल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट और टेक्नोक्राफ्ट इंस्टीट्यूट जैसे संस्थानों के भी कई महत्वपूर्ण कोर्स अब कॉलेजों में नहीं चलेंगे।
दतिया, शिवपुरी और श्योपुर में भी असर
दतिया जिले के भारत कॉलेज का बीसीए और श्रीकृष्णा कॉलेज का बीए हिस्ट्री कोर्स अब बंद हो चुका है। शिवपुरी जिले के महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद जी महाराज कॉलेज में बीए इकोनॉमिक्स, संस्कृत और भूगोल जैसे विषयों को भी अनुमति नहीं मिली है। श्योपुर जिले के डॉ. अंबेडकर कॉलेज के बीए और बीएससी के कई विषयों को भी विश्वविद्यालय ने हरी झंडी नहीं दिखाई है।
भिण्ड में शिक्षा को तगड़ा झटका
भिण्ड जिले में डॉ. अंबेडकर कॉलेज के बीए और बीएससी के कुल 15 विषयों की मान्यता रद्द की गई है। इसके अलावा कुसुम बाई जैन गर्ल्स कॉलेज, एसपीएस इंस्टिट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज और पंडित रमेश चंद्र भटेले कॉलेज जैसे संस्थान भी इस फैसले से प्रभावित हुए हैं।
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मुरैना में सबसे अधिक कोर्स बंद
मुरैना जिले में सबसे बड़े पैमाने पर कोर्स बंद किए गए हैं। यहां महात्मा फुले एजुकेशन एकेडमी, श्रीमती रामदेवी कॉलेज ऑफ एजुकेशन, लिटिल लॉवर स्कूल ग्रुप, केसर एजुकेशन एकेडमी, बीआरएम महाविद्यालय सहित 20 से अधिक कॉलेजों में बीए, बीएससी, एमए, एमएससी और एमकॉम के कई विषयों को विश्वविद्यालय की मान्यता नहीं मिल सकी।
शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सख्ती
यह फैसला विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे न केवल कॉलेजों को अधिक जिम्मेदारी से कोर्स संचालन करना होगा, बल्कि छात्रों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी। भविष्य में मान्यता प्राप्त कोर्सों पर ही विश्वविद्यालय का निरीक्षण केंद्रित रहेगा।
छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी गई है कि वे कॉलेज में दाखिला लेने से पहले विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त कोर्सों की जानकारी अवश्य लें।