शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब मास्टर ऑफ एजुकेशन (M.Ed) कोर्स को केवल एक साल में पूरा किया जा सकेगा। यह निर्णय नैशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने लिया है, जिससे लाखों छात्रों को लाभ मिलेगा। आइए जानते हैं इस नए कोर्स से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें।
क्यों हो रहा है M.Ed कोर्स एक साल का?
अब तक भारत में M.Ed कोर्स की अवधि दो साल थी। लेकिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत शिक्षा क्षेत्र में कई सुधार किए जा रहे हैं। इसी के तहत NCTE ने M.Ed कोर्स को एक साल का करने का फैसला किया है। यह निर्णय शिक्षकों की बढ़ती मांग और शिक्षा प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने के लिए लिया गया है।
कौन कर सकता है एक साल का M.Ed?
अगर आपने निम्नलिखित में से किसी भी कोर्स को पूरा किया है, तो आप एक साल के M.Ed के लिए पात्र होंगे:
- एक साल का B.Ed कोर्स
- दो साल का ग्रेजुएशन टीचिंग प्रोग्राम
- चार साल का इंटिग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP)
इस बदलाव से हजारों छात्रों को फायदा होगा, क्योंकि वे कम समय में उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे और जल्दी नौकरी के लिए योग्य बन जाएंगे।
2026 से होगी एक साल के M.Ed कोर्स की शुरुआत
NCTE के चेयरमैन प्रो. पंकज अरोड़ा ने बताया कि इस कोर्स की शुरुआत 2026-27 सत्र से होगी। इसके लिए 2025 में आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी। जब यह कोर्स लागू हो जाएगा, तो दो साल के M.Ed कोर्स में प्रवेश बंद कर दिया जाएगा।
नए सिलेबस की होगी तैयारी
एक साल के M.Ed कोर्स का सिलेबस नए ढंग से तैयार किया जाएगा, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता को बरकरार रखा जा सके। इसके लिए NCTE ने 8 सदस्यों की एक हाई पावर कमिटी गठित की है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि कोर्स ग्लोबल स्टैंडर्ड के अनुसार तैयार किया जाए।
शिक्षा क्षेत्र में होगा बड़ा बदलाव
NCTE न केवल एक साल के B.Ed और M.Ed कोर्स को लागू कर रहा है, बल्कि अन्य नए टीचर एजुकेशन प्रोग्राम जैसे ITEP योगा एजुकेशन, ITEP फिजिकल एजुकेशन, ITEP संस्कृत और ITEP परफॉर्मिंग आर्ट एजुकेशन भी शुरू कर रहा है। इन सभी बदलावों का उद्देश्य टीचिंग सिस्टम को और बेहतर बनाना है।
क्या होगा इस बदलाव का फायदा?
- कम समय में कोर्स पूरा होगा – अब छात्रों को दो साल के बजाय केवल एक साल में M.Ed की डिग्री मिल सकेगी।
- जल्दी नौकरी के अवसर – कम समय में कोर्स पूरा होने से छात्रों को जल्दी नौकरी पाने का मौका मिलेगा।
- शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार – नया कोर्स ग्लोबल स्टैंडर्ड के अनुसार बनाया जाएगा, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।
- शिक्षकों की संख्या में बढ़ोतरी – यह बदलाव शिक्षा क्षेत्र में अधिक योग्य शिक्षकों की संख्या बढ़ाने में मदद करेगा।
निष्कर्ष
एक साल के M.Ed कोर्स की शुरुआत शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम है। यह न केवल छात्रों को लाभ पहुंचाएगा, बल्कि भारतीय शिक्षा प्रणाली को भी और मजबूत बनाएगा। अगर आप टीचिंग फील्ड में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो यह आपके लिए सुनहरा अवसर है।
2025 में इस कोर्स के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी, इसलिए समय पर तैयारी शुरू कर दें और इस नए बदलाव का पूरा फायदा उठाएं!