अगर आप शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं तो आपके लिए एक बड़ी खबर है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने शिक्षक बनने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब पारंपरिक B.Ed और D.El.Ed कोर्स को बंद कर एक नया कोर्स लागू किया जाएगा। इसकी जगह पर एक 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) शुरू किया जा रहा है।
अब 12वीं पास छात्र सीधे इस नए कोर्स में दाखिला लेकर शिक्षक बनने का सपना पूरा कर सकेंगे। यह बदलाव 2025 से लागू किया जाएगा और 2030 के बाद से केवल ITEP डिग्री ही शिक्षक बनने के लिए मान्य होगी।
जानिए क्यों हो रहा है बदलाव?
अभी तक शिक्षक बनने के लिए ग्रेजुएशन के बाद बीएड (B.Ed) या बीटीसी/डीएलएड (D.El.Ed) कोर्स करना जरूरी होता था। बीटीसी और डीएलएड को डिप्लोमा स्तर के कोर्स माना जाता है, जबकि बीएड एक डिग्री कोर्स है। लेकिन अब नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ITEP को अनिवार्य किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद सरकार ने तय किया कि अब सरकारी स्कूलों में बीएड डिग्री के आधार पर प्राइमरी टीचर की नियुक्ति नहीं होगी। इसके स्थान पर अब केवल ITEP कोर्स को ही मान्यता दी जाएगी।
नया कोर्स ITEP: क्या होगा खास?
- 4 साल की अवधि का कोर्स
- 12वीं पास छात्र सीधे दाखिला ले सकेंगे
- नेशनल लेवल एंट्रेंस टेस्ट के माध्यम से प्रवेश मिलेगा (जिसे NTA आयोजित करेगा)
- कोर्स पूरा करने के बाद अभ्यर्थी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने के योग्य होंगे
- आर्ट एजुकेशन, संस्कृत एजुकेशन और योग एजुकेशन जैसे अलग-अलग विषयों में भी ITEP कोर्स करने का विकल्प मिलेगा
कब से होंगे बदलाव?
2025 से ITEP कोर्स के जरिए दाखिले शुरू होंगे।
2030 के बाद से शिक्षक बनने के लिए सिर्फ और सिर्फ ITEP डिग्री मान्य होगी।
पुराने कोर्स जैसे B.Ed और D.El.Ed को धीरे-धीरे बंद कर दिया जाएगा।
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छात्रों के लिए सलाह
अगर आप शिक्षक बनने की योजना बना रहे हैं तो अब से ही ITEP कोर्स की तैयारी शुरू कर दें। 12वीं में अच्छे अंक लाना और राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा में सफल होना आवश्यक होगा। साथ ही, यह भी ध्यान रखें कि अब शिक्षक बनने के लिए लंबे समय के बजाय चार साल का इंटीग्रेटेड कोर्स ही काफी होगा।