जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI) विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बार विश्वविद्यालय ने कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) स्कोर के आधार पर 25 पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने का निर्णय लिया है, जो पिछले वर्ष 20 पाठ्यक्रमों तक सीमित था। इसके अतिरिक्त, विश्वविद्यालय ने छात्रों की कौशल वृद्धि को ध्यान में रखते हुए 14 नए पाठ्यक्रमों की भी शुरुआत की है।
नए कोर्स और उनका महत्व
इस बार विश्वविद्यालय ने कई नए और आधुनिक विषयों में पाठ्यक्रम जोड़े हैं। इनमें बैचलर इन डिजाइन और बीएससी (ऑनर्स) कंप्यूटर साइंस प्रमुख हैं। साथ ही, आर्ट एंड एस्थेटिक्स, क्रिएटिव फोटोग्राफी, टेक्सटाइल डिजाइन जैसे कई स्व-वित्तपोषित (सेल्फ-फाइनेंस्ड) ईवनिंग कोर्स भी पेश किए गए हैं। इन कोर्सों का उद्देश्य छात्रों को व्यावसायिक और रचनात्मक क्षेत्रों में बेहतर अवसर प्रदान करना है।
आवेदन प्रक्रिया और महत्वपूर्ण तिथियां
जामिया में प्रवेश के इच्छुक छात्र विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट admission.jmi.ac.in पर जाकर 10 अप्रैल 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
- आवेदन पत्र में सुधार की सुविधा 12 अप्रैल से 14 अप्रैल 2025 तक उपलब्ध रहेगी।
- सीयूईटी, जेईई मेन, और एनएटीए के माध्यम से आवेदन की प्रक्रिया 5 मार्च 2025 से शुरू होगी और संबंधित परीक्षा एजेंसियों के परिणाम घोषित होने के 10 दिन बाद तक चलेगी।
- विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षाओं के लिए एडमिट कार्ड 17 अप्रैल 2025 से उपलब्ध होंगे।
- प्रवेश परीक्षाएं 26 अप्रैल 2025 से शुरू होंगी।
- स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए योग्यता परीक्षा के परिणाम जमा करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2025 तय की गई है।
विदेशी छात्रों के लिए विशेष सुविधा
विश्वविद्यालय ने विदेशी और एनआरआई छात्रों के लिए यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की फीस में कटौती की है। BDS कोर्स में भी दो सीटें विशेष रूप से विदेशी छात्रों के लिए आरक्षित की गई हैं। इसके अतिरिक्त, अब विदेशी नागरिक पीएचडी पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु ऑनलाइन साक्षात्कार दे सकते हैं, जिससे उन्हें प्रक्रिया में अधिक सुविधा मिलेगी।
क्यों महत्वपूर्ण है यह बदलाव?
जामिया मिल्लिया इस्लामिया द्वारा पाठ्यक्रमों की संख्या बढ़ाने और नए विषयों को जोड़ने का निर्णय छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित होगा। यह न केवल रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगा बल्कि आधुनिक तकनीकी और कला आधारित शिक्षा को भी बढ़ावा देगा। विश्वविद्यालय का यह कदम छात्रों की रुचि और उद्योग की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।