देश के प्रतिष्ठित केंद्रीय विश्वविद्यालय बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) ने ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है। अब BHU भारत सरकार के SWAYAM प्लेटफॉर्म पर 63 फ्री ऑनलाइन कोर्स शुरू करने जा रहा है, जिससे देशभर के छात्र घर बैठे ही IIT और अन्य प्रमुख केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों से उच्च गुणवत्ता की पढ़ाई कर सकेंगे।
घर बैठे पढ़ाई का सुनहरा मौका
BHU का यह प्रयास उन छात्रों के लिए खास है जो समय, दूरी या आर्थिक कारणों से नियमित कॉलेज नहीं कर सकते, लेकिन फिर भी क्वालिटी एजुकेशन हासिल करना चाहते हैं। ये कोर्स पूरी तरह मुफ्त (free) हैं और कोई भी छात्र या प्रोफेशनल https://swayam.gov.in/INI पर जाकर इन कोर्सों के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकता है।
इन कोर्सों की क्लासेज 21 जुलाई और 18 अगस्त 2025 से शुरू होंगी, और परीक्षा अक्टूबर 2025 में आयोजित की जाएगी। कोर्स की अवधि 4, 8 और 12 हफ्तों की होगी, जो विषय के अनुसार तय की गई है।
विषयों की व्यापक रेंज
इन कोर्सों की खास बात यह है कि ये केवल एक या दो विषय तक सीमित नहीं हैं। छात्र कॉमर्स, मैनेजमेंट, आर्ट्स, ह्यूमैनिटीज, सोशल साइंसेज, लाइफ साइंसेज, साइकोलॉजी, लॉ, इंजीनियरिंग और आयुर्वेद जैसे कई क्षेत्रों में अपनी रुचि के अनुसार पढ़ाई कर सकते हैं।
यह पहल न केवल छात्रों को सशक्त बनाएगी, बल्कि प्रोफेशनल्स को भी नई स्किल्स सीखने का अवसर देगी।
37 से 63 कोर्स तक का सफर
BHU इससे पहले SWAYAM पर 37 कोर्स ऑफर करता था, लेकिन अब यह संख्या 63 हो गई है। इससे स्पष्ट होता है कि BHU अब ऑनलाइन शिक्षा में एक अहम भूमिका निभाने जा रहा है।
इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए, BHU ने अपना नया न्यूज पोर्टल (https://news.bhu.ac.in) भी लॉन्च किया है, जहां विश्वविद्यालय की गतिविधियों, शोध कार्यों और छात्रों की उपलब्धियों को साझा किया जाएगा।
BHU बना नेशनल कोऑर्डिनेटर
BHU को SWAYAM प्लेटफॉर्म पर Institutions of National Importance (INIs) के लिए नेशनल कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया है। इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए BHU के इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के डॉ. आशुतोष मोहन को यह दायित्व सौंपा गया है।
अब BHU देशभर के 160 से अधिक प्रमुख संस्थानों जैसे कि IITs और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कोर्सों की गुणवत्ता नियंत्रण, रणनीतिक योजना और टेक्निकल सहायता सुनिश्चित करेगा।
भविष्य के लिए एक मजबूत कदम
BHU की यह पहल केवल छात्रों के लिए नहीं, बल्कि भारत में डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों के छात्र भी देश के बेस्ट टीचर्स से बिना किसी लागत के पढ़ सकेंगे।