बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में नए सत्र 2024-25 के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। बीएचयू की अकादमिक परिषद ने विश्वविद्यालय में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिसमें 13 विशेष कोर्सेज को बंद करने का निर्णय भी शामिल है।
इसके अतिरिक्त, नए नियमों के तहत स्नातक और पीजी पाठ्यक्रमों की फीस संरचना में बदलाव किया गया है। अब फीस प्रति सेमेस्टर के आधार पर ली जाएगी, और देरी से फीस जमा करने पर विलंब शुल्क भी निर्धारित किया गया है।
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कोर्सेज की समीक्षा और सीटों की स्क्रीनिंग
बीएचयू की अकादमिक परिषद ने स्नातक और पीजी पाठ्यक्रमों में खाली सीटों की समीक्षा करने के लिए एक कमेटी गठित की है। इस कमेटी का कार्य उन विषयों की स्क्रीनिंग करना है, जिनमें सीटें खाली हैं। कमेटी यह तय करेगी कि इन सीटों को यथावत रखा जाए या कम किया जाए।
बंद होने वाले विशेष कोर्सेज
सत्र 2024-25 से बीएचयू में 13 विशेष कोर्स बंद कर दिए गए हैं, जिनमें प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण, आयुर्वेदिक परिचयात्मक कोर्स, वैकल्पिक विवाद समाधान, और जनसंचार जैसे विषय शामिल हैं। हालाँकि, आयुर्वेदिक दर्द प्रबंधन और पंचकर्मा थेरेपी जैसे कुछ कोर्स जारी रहेंगे, लेकिन एक साल बाद इनकी भी समीक्षा की जाएगी।
पीएचडी स्कॉलर्स के लिए बदलाव
पीएचडी शोधार्थियों को अब हर सेमेस्टर में फीस का भुगतान करना होगा। इसके अलावा, नए नियमों के तहत प्रत्येक शिक्षक को समान अवसर मिलेगा, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा पीएचडी सीटें उपलब्ध हो सकेंगी। इससे बीएचयू में करीब 50 सीटों का इजाफा होने की संभावना है।
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फीस संरचना में बदलाव
स्नातक और पीजी पाठ्यक्रमों के लिए संशोधित फीस संरचना लागू की गई है, जिसमें ट्यूशन और विकास शुल्क को अलग-अलग दिखाया जाएगा। देरी से फीस जमा करने पर एक निश्चित विलंब शुल्क भी लगाया जाएगा। नियमित और विशेष पाठ्यक्रमों के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित किए गए हैं, और फीस जमा न करने पर छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं होगी।
स्वास्थ्य डायरी और पुस्तकालय कार्ड का दुरुपयोग रोकने के प्रयास
विश्वविद्यालय ने स्वास्थ्य डायरी और पुस्तकालय कार्ड के दुरुपयोग को रोकने के लिए भी कदम उठाए हैं। अब केवल बीएचयू के नियमित छात्र ही डिप्लोमा या सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकेंगे। इस बदलाव से बीएचयू की सुविधाओं का अधिक प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा।
इस प्रकार, बीएचयू ने अपनी नई नीति के माध्यम से शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारने और छात्रों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।
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