झारखंड के छात्रों के लिए एक बड़ा झटका सामने आया है। बीएड, एमएड और बीपीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2025 का परिणाम रद्द कर दिया गया है। झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (JCECEB) ने तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए यह निर्णय लिया है। इसके साथ ही 7 जुलाई से शुरू होने वाली प्रथम चरण की ऑनलाइन काउंसलिंग को भी अगली सूचना तक के लिए टाल दिया गया है।
मेरिट लिस्ट में विसंगति बनी परेशानी का कारण
4 जुलाई को घोषित परिणाम में कई तकनीकी गड़बड़ियों की शिकायतें मिली थीं। पर्षद ने बताया कि इन त्रुटियों के कारण मेरिट लिस्ट प्रभावित हो रही थी, जिससे योग्य उम्मीदवारों की रैंकिंग सही तरीके से तय नहीं हो पा रही थी। छात्रों और अभिभावकों की आपत्तियों को गंभीरता से लेते हुए परीक्षा परिणाम को स्थगित करना जरूरी हो गया।
फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा भी बनी बड़ी बाधा
परिणाम रद्द होने के पीछे एक और अहम कारण यह भी है कि राज्य के अधिकतर विश्वविद्यालयों में ग्रेजुएशन फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं अब तक पूरी नहीं हुई हैं। चूंकि इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले छात्रों की एक बड़ी संख्या इन्हीं सेमेस्टर से है, ऐसे में काउंसलिंग शुरू होने पर वे छात्र नामांकन प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाते।
सरकार से की जल्द समाधान की मांग
इस फैसले से बीएड संस्थानों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। झारखंड राज्य बीएड प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डॉ. विशेश्वर यादव ने चिंता जताते हुए कहा कि एनसीटीई के दिशा-निर्देश के अनुसार बीएड सत्र की शुरुआत 1 जुलाई से होनी चाहिए थी, लेकिन अब तक नामांकन भी शुरू नहीं हो पाया है। उन्होंने राज्य सरकार और परीक्षा पर्षद से मांग की है कि जल्द से जल्द संशोधित परिणाम जारी कर काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की जाए।
आधिकारिक वेबसाइट पर रखें नजर
झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद ने स्पष्ट किया है कि आगे की जानकारी जल्द ही आधिकारिक वेबसाइट https://jceceb.jharkhand.gov.in और समाचार पत्रों के माध्यम से साझा की जाएगी। छात्रों को सलाह दी गई है कि वे किसी भी अफवाह से बचें और केवल आधिकारिक सूचना का ही इंतजार करें।
तकनीकी खामियों और परीक्षा आयोजन से जुड़ी अन्य समस्याओं के चलते राज्य में बीएड, एमएड और बीपीएड की प्रवेश प्रक्रिया फिलहाल रुक गई है। हजारों छात्रों और शिक्षण संस्थानों के लिए यह अनिश्चितता भरा समय है। अब सबकी निगाहें पर्षद और राज्य सरकार पर टिकी हैं कि समाधान कब और कैसे आता है।