भारत में ऑनलाइन शिक्षा को लेकर UGC ने एक अहम घोषणा की है। जुलाई-अगस्त 2025 सेशन से स्वास्थ्य और उससे जुड़े कई विषयों में ODL से नए प्रवेश बंद कर दिए जाएंगे। अगर आप इस क्षेत्र में पढ़ाई करने की सोच रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद ज़रूरी है।
UGC का निर्णय क्यों लिया गया?
UGC का मानना है कि स्वास्थ्य और संबद्ध क्षेत्रों की पढ़ाई सिर्फ किताबों और लेक्चर से पूरी नहीं हो सकती। इन विषयों में प्रयोगशाला का काम, प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और क्लिनिकल अनुभव बेहद आवश्यक होते हैं। यही कारण है कि आयोग ने इन विषयों को ODL मोड में पढ़ाने पर रोक लगाने का फैसला किया। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्रों को उच्च-गुणवत्ता की शिक्षा मिले और वे भविष्य में पेशेवर जिम्मेदारियों को अच्छे से निभा सकें।
किन विषयों पर लगेगा प्रतिबंध?
यह प्रतिबंध केवल स्वास्थ्य और संबद्ध विषयों पर लागू होगा। UGC ने साफ किया है कि इन विषयों की ऑनलाइन और ODL शिक्षा अब मान्य नहीं होगी।
प्रतिबंधित विषय इस प्रकार हैं:
- साइकोलॉजी (Psychology)
- माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology)
- फूड एंड न्यूट्रिशन साइंस (Food & Nutrition Science)
- बायोटेक्नोलॉजी (Biotechnology)
- क्लिनिकल न्यूट्रिशन (Clinical Nutrition)
- डायटीशियन (Dietician)
अगर कोई डिग्री प्रोग्राम विभिन्न विषयों का मिश्रण है, जैसे BA में राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र आदि, तो वहां सिर्फ स्वास्थ्य संबंधित हिस्से को ही अमान्य माना जाएगा। बाकी विषयों पर इसका असर नहीं पड़ेगा।
पहले से मान्यता प्राप्त कोर्स भी होंगे रद्द
UGC ने यह भी घोषणा की है कि जिन विश्वविद्यालयों और संस्थानों को पहले ही इन विषयों में ODL या ऑनलाइन प्रोग्राम चलाने की अनुमति मिल चुकी थी, उनकी मान्यता भी रद्द कर दी जाएगी। इसका मतलब है कि अब छात्रों को ऐसे किसी भी पुराने कोर्स में एडमिशन लेने की अनुमति नहीं होगी।
कब से लागू होगा यह नियम?
यह नया नियम जुलाई-अगस्त 2025 से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र से लागू होगा। इसके बाद किसी भी विश्वविद्यालय या संस्थान को इन कोर्सों में ऑनलाइन या ODL मोड से प्रवेश लेने की अनुमति नहीं होगी।
विदेशी विश्वविद्यालयों पर भी सख्ती
UGC ने छात्रों और संस्थानों को चेतावनी दी है कि वे गैर-मान्यता प्राप्त विदेशी विश्वविद्यालयों और एडटेक प्लेटफ़ॉर्म्स से ऑनलाइन डिग्री या डिप्लोमा न करें। आयोग ने कहा है कि ऐसी डिग्रियां भारत में मान्य नहीं होंगी। कई बार देखा गया है कि कुछ कॉलेज और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म बिना अनुमति के विदेशी संस्थानों से मिलकर ऐसे प्रोग्राम चला रहे हैं, लेकिन अब ऐसे सभी कोर्स पूरी तरह गैर-मान्य घोषित कर दिए गए हैं।
एक नज़र में फैसला
विषय / क्षेत्र | ऑनलाइन / ODL प्रवेश स्थिति | लागू होने की तारीख |
---|---|---|
साइकोलॉजी | 🚫 बंद | जुलाई-अगस्त 2025 |
माइक्रोबायोलॉजी | 🚫 बंद | जुलाई-अगस्त 2025 |
फूड एंड न्यूट्रिशन साइंस | 🚫 बंद | जुलाई-अगस्त 2025 |
बायोटेक्नोलॉजी | 🚫 बंद | जुलाई-अगस्त 2025 |
क्लिनिकल न्यूट्रिशन | 🚫 बंद | जुलाई-अगस्त 2025 |
डायटीशियन | 🚫 बंद | जुलाई-अगस्त 2025 |
छात्रों और संस्थानों पर असर
अब छात्रों को स्वास्थ्य और संबद्ध विषयों की पढ़ाई केवल रेगुलर मोड में करनी होगी। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को तुरंत अपने ऑनलाइन और ODL प्रोग्राम्स बंद करने होंगे। वहीं एडटेक प्लेटफ़ॉर्म और प्राइवेट यूनिवर्सिटी अब बिना मान्यता के ऐसे कोर्स ऑफर नहीं कर पाएंगे।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
क्या अब हेल्थ से जुड़े सभी कोर्स बंद हो जाएंगे?
नहीं, सिर्फ ऑनलाइन और ODL मोड में ये कोर्स बंद होंगे। रेगुलर क्लासरूम मोड में ये जारी रहेंगे।
अगर मैंने पहले से ऐसे कोर्स में एडमिशन लिया है तो क्या होगा?
UGC ने कहा है कि पहले से मान्यता प्राप्त कोर्स भी रद्द कर दिए जाएंगे। ऐसे में छात्रों को वैकल्पिक विकल्प तलाशने पड़ सकते हैं।
क्या विदेशी विश्वविद्यालयों के ऑनलाइन कोर्स मान्य होंगे?
नहीं, भारत में गैर-मान्यता प्राप्त विदेशी संस्थानों की डिग्रियां मान्य नहीं होंगी।
इस फैसले का मकसद क्या है?
इसका उद्देश्य छात्रों को बेहतर शिक्षा और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग उपलब्ध कराना है ताकि स्वास्थ्य क्षेत्र में गुणवत्ता बनी रहे।